हिमाचल अपने आप में बहुत सी धरोहरे समेटे हुए है.उन्ही धरोहरों में से एक है हिमाचल की झीलें. खजियार को तो मिनी स्वीट्ज़रलैंड भी कहा जाता है. रिवालसर इसके तैरते हुए टापुओं के लिए प्रसिद्ध है, तो रेणुका अपना प्राचीन इतिहास समेटे हुए है. हिमाचल की सभी झीलों की जानकारी हम आपको दे रहे हैं HP GK की Lakes in Himachal Pradesh में.
Lakes in Chamba
गड़ासरू झील:- समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 3505 मी. है. Gadasru Lake चुराह तहसील में देवी कोठी के पास स्थित है.
Khajiyar Lake
खजियार झील:- यह 0.5 कि. मी. लम्बी है. समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 1951 मी. है. खजियार को हिमाचल प्रदेश का मिनी स्वीट्ज़रलैंड भी कहा जाता है. यह विश्व का 160 वां स्थान है, जिसे मिनी स्वीट्ज़रलैंड का दर्जा दिया गया है. Khajiyaar को यह नाम पी. ब्लेजर ने 7 जुलाई, 1992 को दिया था.
मणिमहेश झील:- समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 3950 मी. है. Manimahesh कैलाश पर्वत के निचे स्थित है.
महाकाली झील:- समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 3657 मी. है.
लामा झील:- समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 3992 मी. है. यह 7 झीलों का समूह है.
Lakes in Kangra
डल झील:- समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 1775 मी. है. यह धर्मशाला से 11 कि. मी. की दूरी पर स्थित है.
करेरी झील:- समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 1810 मी. है.
पोंग झील:-
Machhiyal Lake
मछियाल झील:- यह नगरोटा बगवां से 2 कि. मी. की दूरी पर स्थित है.इसके एक ओर माँ संतोषी का मंदिर है, और दूसरी तरफ मछिन्द्र महादेव का.
मछियाल झील से जुडी पौराणिक कथाएं
कहा जाता है यह भूमि मछिन्द्र नाथ की तपोस्थली थी. जिस स्थान पर उन्होंने तपस्या की थी, उसी स्थान पर अब मंदिर है. मान्यता है जब विवाह-शादियों में बर्तनों की जरूरत होती थी लोग झील की पूजा कर बर्तन मांगते थे. जितने बर्तन मांगे जाते थे सुबह झील में तैरते हुए मिल जाते थे. प्रयोग के बाद बर्तनों को वापिस रख दिया जाता था.ये बर्तन खुद ही अदृशय हो जाया करते थे. जनश्रुति के अनुसार किसी व्यक्ति ने बर्तन लेकर वापिस नहीं किये. तब से बर्तन निकलना बंद हो गये.
मन्नत मांगने पर पूरी होती है हर मनोकामना
मनोकामना पूर्ति के लिए भी इस झील को जाना जाता है. कहा जाता है, जो भी सचे दिन से इस झील में मन्नत मांगता है वो पूरी हो जाती है. लोग दूर-2 से मन्नत मांगने यहाँ आए हैं. मन्नत पूरी होने पर मछलियों को नथ पहनाई जाती है.
Lakes in Mandi
Parashar Lake
पराशर झील:- समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 2743 मी. है. इस झील की परिधी 600 मी. है. झील के साथ पराशर ऋषि का मंदिर है. यह मंदिर पैगोड़ा शैली में बना है. Parashar Temple को बाण सेन ने बनवाया था.
पौराणिक कथाएं
कहा जाता है पराशर ऋषि ने यहाँ तपस्या की थी. पराशर मंडी राजवंश के कुल देवता है. 14 जून को सक्रांति वाले दिन यहाँ मेला लगता है. हजारों श्रद्धालु यहाँ माथा टेकने आते है. Parashar Rishi के मंदिर की ऊँचाई 40 फीट है.
रिवालसर झील:- समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 1360 मी. है. यह बौध, सिख तथा हिन्दू तीनों धर्म के लोगों का तीर्थ स्थान है. इसे तैरते हुए टापुओं की झील भी कहते हैं. Riwalsar Lake बौद्ध लोगों में यह पद्माचन के नाम से प्रसिद्ध है. बौद्ध भिक्षु पदम्सम्भव के जन्म दिन पर यहाँ छेच्शु मेला लगता है.
कुमारवाह झील:- समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 3150 मी. है.
कुंत भयोग झील:-
कालासर झील:-
कमरुनाग झील:-
सुखसागर झील:-
सुखसार झील:-
Lakes in Himachal Pradesh is a very important topic from the exam point of view.
Lakes in kullu
भृगु झील:- यहाँ भृगु ऋषि ने तपस्या की थी.
दशहर झील:- समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 4200 मी. है.
सरीताल झील:-
ब्यास कुण्ड:- समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 3540 मी. है.
मानतलाई झील:- यह पार्वती नदी का उद्गम स्थल है.
दयोरी झील:-
हंसा झील:- ये 2 झीलें हैं. ये आपस में हंसो के जोड़े की तरह दिखाई देती है. इन में से सिर्फ 1 झील में नहाया जा सकता है. दूसरी झील में नहाना वर्जित है.
सर्योलसर झील:-
डैहनासर झील:-
Lakes in Lahoul Spiti
चंद्रताल झील:- यह लाहौल स्पीती में स्थित है. इसे लोहित्य सरोवर के नाम से भी जाना जाता है. Chandertal Lake लाहौल और स्पीती को आपस में जोड़ती है. चंद्रताल की परिधी 2.5 कि. मी. है. समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 4270 मी. है. इस झील में मानव और घोड़ों के कंकाल मिलने के कारण इसे रहस्यमयी झील भी कहा जाता है.
पौराणिक कथाएँ:- कहा जाता है इसी स्थान से पांडवो के बड़े भाई युधिष्ठिर इन्द्र देव के रथ में बैठ कर स्वर्ग गये थे.
दीपकताल झील:-
सूरजताल:-
नीलकंठ झील:- यह लाहौल स्पीती के नैनगाहर घाटी में स्थित है. गहराई अधिक होने के कारण इसका पानी नीला दिखाई देता है. इसी कारण इसे नीलकंठ कहा जाता है.
Lakes in Shimla
चंद्र्नाहन झील:- समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 4267 मी. है.
तानु जुब्बल झील:-
Lakes in Kinnaur
नाको झील:- समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 3662 मी. है.
Lakes in Sirmour
Renuka Lake
रेणुका झील:- समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 186 मी. है. इसकी परिधी 2.5 कि. मी. है. इसका नाम परशुराम की माँ रेणुका के नाम पर पड़ा है. इसकी आकृति सोयी हुई स्त्री जैसी है. यह Himachal Pradesh की सब से बड़ी प्राकृतिक झील है.
सुकेती झील :-
Artificial Lakes in Himachal Pradesh
Govind Sagar Lake
गोविन्द सागर :- यह बिलासपुर जिले में है. यह हिमाचल की सब से बड़ी और लम्बी कृत्रिम झील है. यह लगभग 88 कि. मी. लम्बी है. इसका क्षेत्रफल 168 वर्ग कि. मी. है. यह सतलुज नदी पर बनी है. इसका निर्माण भाखड़ा बांध बनने के कारण हुआ है. इसी झील के किनारे गुरु गोविन्द सिंह ने औरंगजेब के खिलाफ युद्ध लड़ा था. इसलिए इसका नाम गोविन्द सागर पड़ा. एशिया का सब से ऊँचा बांध कंदरौर नामक स्थान पर इसी झील में स्थित है.
Pong Dam
पौंग झील:- यह कांगड़ा जिला में है. इसकी लम्बाई लगभग 42 कि. है. यह ब्यास नदी में बनी है. इसका निर्माण पौंग बांध बनने के कारण हुआ है. पौंग बांध 1960 में बना था. इसे महाराणा प्रताप सागर के नाम से भी जाना जाता है.
पंडोह झील:- यह मंडी जिले में है. यह ब्यास नदी में बनी है. यह 14 कि. मी. लम्बी है. इसका निर्माण पंडोह बाँध बनने के कारण हुआ है.
चमेरा झील:- यह चम्बा जिले में स्थित है. यह रावी नदी में बनी है.
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